Jabalpur News: शुक्रवार तक रेंट की शर्त नहीं हटी तो सोमवार से बोर्ड-सीईओ बंगले के बाहर "गदर" का अल्टीमेटम, सदर शिवाजी मैदान का मामला गर्माया

Jabalpur News: If the rent condition is not removed by Friday, then from Monday onwards, there will be an ultimatum of "Gadar" outside the Board-CEO bungalow, the matter of Sadar Shivaji Maidan heated up

Jabalpur News: शुक्रवार तक रेंट की शर्त नहीं हटी तो सोमवार से बोर्ड-सीईओ बंगले के बाहर "गदर" का अल्टीमेटम, सदर शिवाजी मैदान का मामला गर्माया

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। सदर शिवाजी ग्राउंड में होने वाले दंगल और रामलीला के आयोजन को कमर्शियल गतिविधि बताते हुए उस पर रेंट लाए जाने संबंधी कैंट बोर्ड के निर्णय को लेकर सदर बाजार में तीखी प्रतिक्रिया देखने मिल रही है‌। इस मामले में अब आयोजन समितियां और रहवासी आर-पार के मूड में आ गए हैं।

पूर्व कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे चिंटू ने बताया कि रामलीला समिति व अन्य आयोजन समितिओ ने निर्णय लिया है कि अगर शुक्रवार तक कैंट बोर्ड प्रशासन अपनी रेंट की शर्त को नहीं हटाता है तो सोमवार से व्यापार जन आंदोलन किया जाएगा। कैंट बोर्ड कार्यालय के साथ ही साथ सीईओ बंगले के बाहर भी धरना दिया जाएगा। कैंट बोर्ड प्रशासन को अपने तुगलकी फरमान पर पुनः विचार करना ही होगा।

वर्षो पुराने आयोजनों को कमर्शियल बता कर हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है। जबकि दंगल समिति और रामलीला समिति ने पीसीबी को पत्र देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि शिवाजी ग्राउंड में होने वाले आयोजन के दौरान कोई भी व्यापारिक गतिविधि के लिए स्टॉल नहीं लगाए जाते हैं। दरअसल,पिछले दिनों कैंटोनमेंट बोर्ड ने शिवाजी ग्राउंड के रेंट में बड़ा परिवर्तन करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर पराम्परागत मोहर्रम,दंगल और दशहरे के आयोजन लिए भी रेंट निर्धारित कर दिया है।

धार्मिक आयोजन के लिए पूर्व में दी जाने वाली रेंट छूट को कैंट बोर्ड प्रशासन ने खत्म कर दिया है। स्पेशल आयोजन दहशरा,मोहर्रम और दंगल लिए पहले केवल सुरक्षा निधि पचास हजार रूपए जमा करायी जाती थी,कोई रेंट नही लिया जाता था। लेकिन अब 50 हजार रूपए प्रतिदिन रेंट निर्धारित किया गया है, इसके साथ एक हजार रूपए साफ सफाई का भी वसूला जाएगा। रेंट लगाए जाने के पीछे कैंट बोर्ड प्रशासन का तर्क है कि दंगल व रामलीला (रावण दहन) के दौरान ग्राउंड का कमर्शियल यूज होता है। इसलिए अब उक्त आयोजन से जुड़ी समितियों को रेंट भी देना होगा।